Showing posts with label bookmark. Show all posts
Showing posts with label bookmark. Show all posts

Sunday, March 08, 2009

Book Mark



यूँ तो अक्सर,
संवेदनाएं...
हावी तुमपर रहती हैं,
पर,
इस शाम जन्मे,
अपने बेचैनी के अनल में,
मुझको चुपके झोंक देना;

पन्नो में सिलवट पड़े तो,
शब्द,
विचारों से लड़ पड़ेंगे,
कर दफ़न मेरी ख्वाइशें,
तुम युद्ध को बस रोक लेना...

हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे

हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से  चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को  नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो  हम लड़ेंगे युद्...