Saturday, March 02, 2024

कोविड में प्रार्थना

यह प्रार्थना उनके लिए है, 

हे प्रभु! 

सुबह जिनकी खुलती है 

आंसुओं के बोझ से,और  

साँझ जिनकी ढलती है 

मृत्यु के चीत्कार सुनकर 


यह प्रार्थना उनके लिए है, 

हे प्रभु! 

जो युद्ध में डटकर खड़े हैं

स्वयं को कर के समर्पित

जो लड़ रहे हैं मृत्यु से, 

मृत्यु के व्यूह में घुसकर


यह प्रार्थना उनके लिए है, 

हे प्रभु! 

जो परिजनों की मृत्यु पर भी 

चाह कर रोये नहीं हैं 

नहीं पाँव जिनके डगमगाए

उद्देश्य जो खोये नहीं हैं  


यह प्रार्थना है, हे प्रभु! 

अस्पतालों में दिन रात लड़ते 

डॉक्टरों, नर्सों, वार्ड बॉय के लिए  

स्वास्थ्यकर्मियों, द्वारपालों के लिए

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