हम चुनेंगे कठिन रस्ते
जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से
चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को
नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो
हम लड़ेंगे युद्ध जिनमें
घूटने और एड़ी छीलेंगे
फूलेंगे फेफड़े और धमनियाँ
टूटेंगी हड्डियाँ और पसलियाँ
पन्नों पर स्याही से चिंतन नहीं
हम स्वेद और रक्त से किस्से कहेंगे
पराजय और विफलता डराएंगी हमें, पर
हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे
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