आदम और हव्वा
पानी की तरह उट्ठेंगे,और,
पानी में पानी बनकर
पानी में बह जायेंगे
आदम और हव्वा
भीड़ में लेंगे जन्म, और,
भीड़ में बनकर भीड़
भीड़ में ही खो जायेंगे
आदम और हव्वा
दुनिया में आते भी जायेंगे, और
दुनिया के नक़्शों पर चलकर
दुनिया से जाते भी जायेंगे
फीकी दुनिया के मेले में,
तुम से उम्मीदें थी काफी
लेकिन, मेरे दोस्त,
तुम भी,
मेरी तरह साधारण निकले
पानी की तरह उट्ठेंगे,और,
पानी में पानी बनकर
पानी में बह जायेंगे
आदम और हव्वा
भीड़ में लेंगे जन्म, और,
भीड़ में बनकर भीड़
भीड़ में ही खो जायेंगे
आदम और हव्वा
दुनिया में आते भी जायेंगे, और
दुनिया के नक़्शों पर चलकर
दुनिया से जाते भी जायेंगे
फीकी दुनिया के मेले में,
तुम से उम्मीदें थी काफी
लेकिन, मेरे दोस्त,
तुम भी,
मेरी तरह साधारण निकले