मुट्ठी भर जिंदगी जो बची तेरे नाम कर दी,
मानू मैं इसे प्यार पर, कहे ज़माना खुद्खुशी..
होश खोया तुझे खोजने को,
क्या मेरी मोहब्बत थी बेबसी॥
छोटे सपने ,लंबी रातें
थिरकती खट्टी मीठी बातें,
अस्तित्व का चुपके से खोना ,
ठण्डी आंसू में हंसके रोना॥
प्यार दस्तक हमेशा जादूई होता है,
फिर भी साला आदमी ,प्यार करके रोता है ..
Saturday, May 26, 2007
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हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे
हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो हम लड़ेंगे युद्...
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जब कभी, मेरे पैमाने में, ख्वाइशों के कुछ बूंद छलक जाती हैं, तुम्हारी यादों की खुशबू, बहकी हुई हवाओं की तरह, मेरे साँसों में बिखर जाती हैं, ...
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कल ऑफिस से लौटा तो अगस्त्य ने दरवाज़े पर आकर अपनी अस्पष्ट भाषा में चिल्लाते हुए स्वागत किया| उत्तर में मैंने दोगुनी आवाज़ में बेतुके वाक्य चीख़...
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यूँ तो अक्सर, संवेदनाएं... हावी तुमपर रहती हैं, पर, इस शाम जन्मे, अपने बेचैनी के अनल में, मुझको चुपके झोंक देना; पन्नो में सिलवट पड़े तो, शब्...