मुट्ठी भर जिंदगी जो बची तेरे नाम कर दी,
मानू मैं इसे प्यार पर, कहे ज़माना खुद्खुशी..
होश खोया तुझे खोजने को,
क्या मेरी मोहब्बत थी बेबसी॥
छोटे सपने ,लंबी रातें
थिरकती खट्टी मीठी बातें,
अस्तित्व का चुपके से खोना ,
ठण्डी आंसू में हंसके रोना॥
प्यार दस्तक हमेशा जादूई होता है,
फिर भी साला आदमी ,प्यार करके रोता है ..
Saturday, May 26, 2007
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हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे
हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो हम लड़ेंगे युद्...
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2 comments:
sahi poem.
aur bagal me photu to god lagaya hai. :)
thanks ..ur love poems r the inspiration
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