चल रही थी ज़िन्दगी बड़ी चैन से
दिख रहा था सब सुनहरा नैन से
बेवज़ह जो बाँध ली 'फोमो' की घंटी
उड़ गयी सब नींद दिन से रैन से
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ये हुआ मिस, वो भी करना रह गया
ROI उठाने का भी मौका बह गया
कांफ्रेंस में देर तक चर्चा चली
फेसबुक पर देख कर सब सह गया
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फोमो की चासनी में छन रही है ज़िन्दगी
पतीले में चाय सी उफन रही है ज़िन्दगी
दूसरों की ज़िन्दगी को देख कर बेचैन है
'एक्सप्लोर' से कॉपी पेस्ट बन रही है ज़िन्दगी
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