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हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे
हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो हम लड़ेंगे युद्...
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कल ऑफिस से लौटा तो अगस्त्य ने दरवाज़े पर आकर अपनी अस्पष्ट भाषा में चिल्लाते हुए स्वागत किया| उत्तर में मैंने दोगुनी आवाज़ में बेतुके वाक्य चीख़...
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जब कभी, मेरे पैमाने में, ख्वाइशों के कुछ बूंद छलक जाती हैं, तुम्हारी यादों की खुशबू, बहकी हुई हवाओं की तरह, मेरे साँसों में बिखर जाती हैं, ...
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It was 9th of may 2008. I was expecting the clouds to rain heavily and the winds to shove me hard. My anticipations and desires to look othe...
3 comments:
its again awesome man...
But i dont want to call it a masterpiece...
coz it will make you complacent...i hope you get point...
I am becoming a fan of yous..
hmmm...
this time again you tried to be very hard on you.............but sorry you failed in your quest.........
for being hard on yourself one has to be soft on others.....
But I like it because you didn't try to forgive yourself...........
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