Wednesday, April 25, 2012

लड़खड़ाने लगा हूँ

तुम्हारी तस्वीर, आज भी बस, बटुए में  महफूज़ है
तुम्हारे हमशक्ल से गुज़ारा चला लेता हूँ आज कल 

ज़िन्दगी कुछ देर और ऊँगली पकड़ लेना; लड़खड़ाने लगा हूँ  

2 comments:

Black Loraine said...

Bahut sahi.....totally understand.

Cave Man said...

Ufff... You too are infected with pussy virus. Be A Man , Read my Blog once.

Caveman

हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे

हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से  चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को  नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो  हम लड़ेंगे युद्...