Sunday, May 17, 2009
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हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे
हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो हम लड़ेंगे युद्...
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कल ऑफिस से लौटा तो अगस्त्य ने दरवाज़े पर आकर अपनी अस्पष्ट भाषा में चिल्लाते हुए स्वागत किया| उत्तर में मैंने दोगुनी आवाज़ में बेतुके वाक्य चीख़...
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जब कभी, मेरे पैमाने में, ख्वाइशों के कुछ बूंद छलक जाती हैं, तुम्हारी यादों की खुशबू, बहकी हुई हवाओं की तरह, मेरे साँसों में बिखर जाती हैं, ...
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It was 9th of may 2008. I was expecting the clouds to rain heavily and the winds to shove me hard. My anticipations and desires to look othe...
4 comments:
दिल को छूती चन्द लाइने जिनको पढ कर सुकून मिला
वीनस केसरी
awesome..... i simply loved it.........:)
ये किसका जादू है जो यूँ नज़्म बन बिखर रहा है .... :)
tumhare fukh ne iss chirag mein roshene to daal de...par ..par..iss chirag ke sammha ko jalaye rakhne vala teil kha se aayega..
i don't understant lots of hindi .... but really loved this one
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