एयर इंडिया वाले हादसे के बाद मेरी नज़र में संजय राउत जी के लिए इज़्ज़त और भी बढ़ गयी है। पूरी घटनाक्रम में जहाँ लोग गोल गोल बातें कर रहे हैं, वहां संजय जी ही एक इंसान हैं जिन्होंने तो टूक में सत्य बोल दिया। राजनीति में सत्य सुनने के लिए अमूमन कान तरस जाते हैं, पर ये संजय जी का बड़प्पन कहिये कि उन्होंने स्पष्ट पूछ लिया, "आखिर एयर इंडिया क्या है? कौन है इसका सीएमडी? क्या है उनकी औकात?"
#WATCH As Shiv Sena continues to back their MP #RavindraGaikwad, Sanjay Raut says, "Kya hai Air India? Kaun hai CMD? Kya aukat hai unki?" pic.twitter.com/bo36tomVEd— ANI (@ANI_news) April 6, 2017
इसे भारत का दुर्भाग्य समझिये कि एक दिन वोटिंग मशीन पर अंगूठा दबाकर और स्याही वाली ऊँगली की तसवीरें फेसबुक पर डालकर देश की आम जनता अक्सर ये भूल जाती है कि उसकी औकात क्या है| अच्छी बात ये है कि समय समय पर प्रजातंत्र में ऐसे संदेशवाहक अवतरित होते है जो यूटोपिया में भटके हुए मानवों को उनकी औकात याद दिला देते हैं।
माननीय गायकवाड़ जी ने चप्पल ही तो मारा था, इसमें इतना बवाल करने की क्या ज़रुरत थी। इस बात को "इतना तो चलता है" बोलकर टाला भी तो जा सकता था ना? वैसे ही जैसे जब टोल बूथ पर जब निहत्थे कर्मचारी को नेता थप्पड़ मार देता है या जब सड़क पर चलती हुई लड़की पर कुछ मनचले लोग हमारे सामने भद्दी टिप्पणी करते हुए चले जाते हैं या जब सड़क पर किसी बेक़सूर को मार खाता हुआ देख हम बोल देते हैं "इतना तो चलता है" लोगों का खून खौलता हुआ देख कर आश्चर्य भी होता है। जब देश की सबसे बड़ी पार्टी (भारतीय जनता पार्टी), जिसे इतना महान बहुमत मिला है वो इस मुद्दे पर शांत है तो ये तुच्छ लोग इतना खून क्यों खौला रहे हैं|
भारतीय जनता पार्टी की सबसे अच्छी बात ये है कि वो कांग्रेस की तरह मौकापरस्त नहीं है| कांग्रेसियों को लगा कि एयर इंडिया वालों को ही ज़िम्मेदार और ग़लत बता कर कुछ राजनीतिक brownie point उठा ले, तो उन्होंने वो किया। हर तरफ से हारे इंसान को जहाँ भी रास्ता दिखता है, वहां मुह मार लेता है| यही हाल कांग्रेस का है। भारतीय जनता पार्टी ने ऐसा कुछ नहीं किया| देश की सबसे बड़ी पार्टी ने मौन धारण कर लिया और यूनानी तरह ये मान लिया कि समय आने पर सब ठीक हो जायेगा| इक्का दुक्का नेताओं ने धृतराष्ट की तरह ये बोल दिया कि ये सही नहीं था, एक सांसद को ये शोभा नहीं देता।
हम बीजेपी की मजबूरी समझ सकते हैं| उन्हें राज्य सभा में बहुमत चाहिए, उन्हें राष्ट्रपति चुनना है, उन्हें डिप्लोमेसी भी बनाये रखना है। अब इसमें एक दो लोग चप्पल खा ले तो क्या गलत है? इतना तो चलता है|
संजय राउत जी ने एक अच्छा वाला चुटकुला भी सुनाया था| उन्होंने कहा कि एयर इंडिया वाले जनता के सेवक हैं, उन्हें औकात पर रहना चाहिए| मैं भूल गया था कि इलेक्शन के समय ये लोग भी अपने आप को जनता का सेवक ही बोलते हैं, जिसका मतलब ये है कि इन्हे भी...
अब दिमाग को ज्यादा मत दौड़ाइए। औकात में रहिये!
हम बीजेपी की मजबूरी समझ सकते हैं| उन्हें राज्य सभा में बहुमत चाहिए, उन्हें राष्ट्रपति चुनना है, उन्हें डिप्लोमेसी भी बनाये रखना है। अब इसमें एक दो लोग चप्पल खा ले तो क्या गलत है? इतना तो चलता है|
संजय राउत जी ने एक अच्छा वाला चुटकुला भी सुनाया था| उन्होंने कहा कि एयर इंडिया वाले जनता के सेवक हैं, उन्हें औकात पर रहना चाहिए| मैं भूल गया था कि इलेक्शन के समय ये लोग भी अपने आप को जनता का सेवक ही बोलते हैं, जिसका मतलब ये है कि इन्हे भी...
अब दिमाग को ज्यादा मत दौड़ाइए। औकात में रहिये!
1 comment:
हर दिन एक कांड, हर हफ्ते एक किस्सा
घमंड इन प्रतिनिधियों का अवियोग्य हिस्सा
इसे चुनो या उसे, चाहे जो भी संसद जाता है
साधारण से माप दंड पर भी खरा नहीं आता है
and btw, welcome back :)
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