आज तुम्हे "हैपी जर्नी" भी नहीं कह पाया
तुम्हे "स्टेशन" छोड़ते समय लगा कि
ज़िस्म का एक हिस्सा वहीँ छूट गया है;
और बचे टुकड़ों को घसीट कर,
मैं अपने घरौंदे में लौट आया हूँ.
वक़्त की रेत,
आसुओं को तो धीरे धीरे ढक देगी.
और संवेदनाएं स्याही बनकर,
पन्नों से लिपट जाएँगी.
पर,
तुम्हारे साथ गुज़ारे वक़्त की खुशबू,
बस रूह में धीमी धीमी महकती रहेंगी
मैं कभी उन्हें शब्दों के दायरे में कैद नहीं कर सकता.
एक "फ्रेश चैप्टर" शायद ख़त्म हो गया है.
तुम्हारे वापस लौटने पर नया "चैप्टर" शुरू करूँगा.
Sunday, October 31, 2010
Friday, October 01, 2010
We -The People
उम्र की चादर
जब मेरे घुटने तक हीं आ पाती थी,
और आलिम, फ़ाज़िल, बुद्धिजीवियों की तालिमें
बस्ते में रह जाती थीं,
मैं तेज़ भाग कर चाँद चूमना चाहता था.
अब,
मेरी जिदद जब चाँद से हटकर,
जब मेरे घुटने तक हीं आ पाती थी,
और आलिम, फ़ाज़िल, बुद्धिजीवियों की तालिमें
बस्ते में रह जाती थीं,
मैं तेज़ भाग कर चाँद चूमना चाहता था.
अब,
मेरी जिदद जब चाँद से हटकर,
रोटी पर थम आती है;
और अँगीठी पर हाथ सेक कर,
नींद मुझे आ जाती है;
तुम क्यूँ मेरी रोटी को नोंचने,
तुम क्यूँ मेरी रोटी को नोंचने,
मेरे गलिआरे आ जाते हो?
कभी मज़हब, कभी जाति बताकर,
कभी मज़हब, कभी जाति बताकर,
मुझको ठगते जाते हो.
वैसे भी,
हर नीलामी में,
मैं अपना वज़ूद बेचने जाता हूँ,
कुछ किस्से अपने कहता, कुछ औरों से सुन आता हूँ.
नीलामी के सिक्के रख लो
रोटी मुझको खाने दो,
आज बहुत मैं भूखा हूँ.
वैसे भी,
हर नीलामी में,
मैं अपना वज़ूद बेचने जाता हूँ,
कुछ किस्से अपने कहता, कुछ औरों से सुन आता हूँ.
नीलामी के सिक्के रख लो
रोटी मुझको खाने दो,
आज बहुत मैं भूखा हूँ.
Subscribe to:
Posts (Atom)
हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे
हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो हम लड़ेंगे युद्...
-
जब कभी, मेरे पैमाने में, ख्वाइशों के कुछ बूंद छलक जाती हैं, तुम्हारी यादों की खुशबू, बहकी हुई हवाओं की तरह, मेरे साँसों में बिखर जाती हैं, ...
-
Y - What?... Philosophy ! You mean to say, you spent your whole graduation sitting near by the banks of Ganges, intoxicated in some damn fu...
-
यूँ तो अक्सर, संवेदनाएं... हावी तुमपर रहती हैं, पर, इस शाम जन्मे, अपने बेचैनी के अनल में, मुझको चुपके झोंक देना; पन्नो में सिलवट पड़े तो, शब्...