पता नहीं,
कुछ उलझे ख़याल हैं
चील की तरह पीछा करते हैं, नोचते रहते हैं - हर पहर
मैं भागना चाहता हूँ जब भी इनसे,
मिल जाते हैं कुछ और भी "Om - Darbadar"
धुंए का छल्ला फैलता है - नज़रों के सामने.
मैं खुली आँखों से भीड़ के बेतुकेपन और धुंए के 'chaos' में फ़र्क महसूस नहीं कर पाता;
और आँखें जब बंद रहती हैं,
तब पांव की उँगलियाँ
छल्लों को देर तक घूरते रहती हैं.
'Flatfoot' हूँ ना...बहुत सारा बोझ नहीं उठा सकता.
परतें अच्छी होती हैं "शायद"
वरना
हर नंगी चीज़ आपस में रगड़ने को उत्साहित रहती हैं.
चाहे वह आत्मा का विचार हो, चाहे शरीर का विचार हो
या आत्मा, शरीर और उनके 'Physical Existence' का व्यापार.
- "पेट, इज्ज़त, अधिकार, स्वतंत्रता, मौत...."
ज़िन्दगी के बहुत सारे ऐसे पहलू समझाए गए हैं बचपन से
हर ऐसी सच्चाई का वज़ूद,
एक ख़बर से ज्यादा कुछ भी नहीं होता
कहीं से कभी विचारों का एक बुलबुला उठता है
कुछ दिन तक बहुत सारे वैसे ही बुलबुले दिखते हैं
फिर एक मौलिक प्रश्न और चिर अनंत का डर मेरे 'Flatfoot' पर भारी पड़ने लगता है
- कहीं ये बुलबुले 'vaporize' होकर कल की सुबह ना ढक दें
तुम्हारा भी एक शहर है, मेरा भी एक शहर
मैं भागना चाहता हूँ जब भी इनसे,
मिल जाते हैं कुछ और भी "Om - Darbadar"
कुछ उलझे ख़याल हैं
चील की तरह पीछा करते हैं, नोचते रहते हैं - हर पहर
मैं भागना चाहता हूँ जब भी इनसे,
मिल जाते हैं कुछ और भी "Om - Darbadar"
धुंए का छल्ला फैलता है - नज़रों के सामने.
मैं खुली आँखों से भीड़ के बेतुकेपन और धुंए के 'chaos' में फ़र्क महसूस नहीं कर पाता;
और आँखें जब बंद रहती हैं,
तब पांव की उँगलियाँ
छल्लों को देर तक घूरते रहती हैं.
'Flatfoot' हूँ ना...बहुत सारा बोझ नहीं उठा सकता.
परतें अच्छी होती हैं "शायद"
वरना
हर नंगी चीज़ आपस में रगड़ने को उत्साहित रहती हैं.
चाहे वह आत्मा का विचार हो, चाहे शरीर का विचार हो
या आत्मा, शरीर और उनके 'Physical Existence' का व्यापार.
- "पेट, इज्ज़त, अधिकार, स्वतंत्रता, मौत...."
ज़िन्दगी के बहुत सारे ऐसे पहलू समझाए गए हैं बचपन से
हर ऐसी सच्चाई का वज़ूद,
एक ख़बर से ज्यादा कुछ भी नहीं होता
कहीं से कभी विचारों का एक बुलबुला उठता है
कुछ दिन तक बहुत सारे वैसे ही बुलबुले दिखते हैं
फिर एक मौलिक प्रश्न और चिर अनंत का डर मेरे 'Flatfoot' पर भारी पड़ने लगता है
- कहीं ये बुलबुले 'vaporize' होकर कल की सुबह ना ढक दें
तुम्हारा भी एक शहर है, मेरा भी एक शहर
मैं भागना चाहता हूँ जब भी इनसे,
मिल जाते हैं कुछ और भी "Om - Darbadar"