Sunday, June 24, 2018

Ugly

लोहा, लक्कड़, ताला, चक्कर
घिच-पिच कर के बैठा है
बाहर से चमचम करता है
दिल अंदर से ugly है

मौसम, पानी, सात समंदर
गलियों गलियों घूमा है
अपनी हार पे रोया है
जीत पे हुआ smugly है

टांका, फांका, रफ़ू, सिलाई
कोने कोने फैले हैं
आधे किस्से सच हैं इसके
आधी कोशिश नकली है 

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