Sunday, November 13, 2011

Some small trips...

विचारों और संवेदनाओं की मशाल,
पेट की भूख से अधिक ज्वलंत हो जाती हैं;
कभी कभी...
राष्ट्रीयता और धर्म की छाँव,
स्वार्थ की बेड़ियों से स्वतंत्र हो जाती हैं;
कभी कभी...

कुछ छोटी यात्रायें,
बड़ी दूरियां तय करने की मंत्र हो जाती हैं;
कभी कभी...

हम चुनेंगे कठिन रस्ते, हम लड़ेंगे

हम चुनेंगे कठिन रस्ते जो भरे हो कंकड़ों और पत्थरों से  चिलचिलाती धूप जिनपर नोचेगी देह को  नींव में जिसके नुकीले काँटे बिछे हो  हम लड़ेंगे युद्...